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पवित्र बाइबिल - सभोपदेशक - सभोपदेशक 5

सभोपदेशक 5:7-9

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7क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्‍वर का भय मानना।।
8यदि तू किसी प्रान्त में निर्धनों पर अंधेर और न्याय और धर्म को बिगड़ता देखे, तो इससे चकित न होना; क्योंकि एक अधिकारी से बड़ा दूसरा रहता है जिसे इन बातों की सुधि रहती है, और उनसे भी और अधिक बड़े रहते हैं।
9भूमि की उपज सब के लिये है, वरन् खेती से राजा का भी काम निकलता है।

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