4तब मैंने सब परिश्रम के काम और सब सफल कामों को देखा जो *लोग अपने पड़ोसी से जलन के कारण करते हैं। यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है।
5मूर्ख छाती पर हाथ रखे रहता और अपना माँस खाता है।
6चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और मन का कुढ़ना हो।