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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रोमि - रोमि 8

रोमि 8:4-9

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4ताकि शरी'अत का तक़ाज़ा हम में पूरा हो जो जिस्म के मुताबिक़ नहीं बल्कि रूह के मुताबिक़ चलता है।
5क्यूँकि जो जिस्मानी है वो जिस्मानी बातों के ख़याल में रहते हैं; लेकिन जो रूहानी हैं वो रूहानी बातों के ख़याल में रहते हैं।
6और जिस्मानी नियत मौत है मगर रूहानी नियत ज़िन्दगी और इत्मीनान है।
7इसलिए कि जिस्मानी नियत ख़ुदा की दुश्मन है क्यूँकि न तो ख़ुदा की शरी'अत के ताबे है न हो सकती है।
8और जो जिस्मानी है वो ख़ुदा को ख़ुश नहीं कर सकते।
9लेकिन तुम जिस्मानी नहीं बल्कि रूहानी हो बशर्ते कि ख़ुदा का रूह तुम में बसा हुआ है; मगर जिस में मसीह का रूह नहीं वो उसका नहीं।

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