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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रोमि - रोमि 3

रोमि 3:16-24

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16उनकी राहों में तबाही और बदहाली है।
17और वह सलामती की राह से वाक़िफ़ न हुए।
18उन की आँखों में ख़ुदा का ख़ौफ़ नहीं।”
19अब हम जानते हैं कि शरी'अत जो कुछ कहती है उनसे कहती है जो शरी'अत के मातहत हैं ताकि हर एक का मुँह बन्द हो जाए और सारी दुनिया ख़ुदा के नज़दीक सज़ा के लायक़ ठहरे।
20क्यूँकि शरी'अत के अमल से कोई बशर उसके हज़ूर रास्तबाज़ नहीं ठहरेगी इसलिए कि शरी'अत के वसीले से तो गुनाह की पहचान हो सकती है।
21मगर अब शरी'अत के बग़ैर ख़ुदा की एक रास्तबाज़ी ज़ाहिर हुई है जिसकी गवाही शरी'अत और नबियों से होती है।
22यानी ख़ुदा की वो रास्तबाज़ी जो ईसा मसीह पर ईमान लाने से सब ईमान लानेवालों को हासिल होती है; क्यूँकि कुछ फ़र्क़ नहीं।
23इसलिए कि सब ने गुनाह किया और ख़ुदा के जलाल से महरूम हैं।
24मगर उसके फ़ज़ल की वजह से उस मख़लसी के वसीले से जो मसीह ईसा में है मुफ़्त रास्तबाज़ ठहराए जाते हैं।

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