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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रोमि - रोमि 10

रोमि 10:4-14

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4क्यूँकि हर एक ईमान लानेवाले की रास्तबाज़ी के लिए मसीह शरी'अत का अंजाम है।
5चुनाँचे मूसा ने ये लिखा है “कि जो शख़्स उस रास्तबाज़ी पर अमल करता है जो शरी'अत से है वो उसी की वजह से ज़िन्दा रहेगा।”
6अगर जो रास्तबाज़ी ईमान से है वो यूँ कहती है, “तू अपने दिल में ये न कह'कि आसमान पर कौन चढ़ेगा?” या'नी मसीह के उतार लाने को।
7या “गहराव में कौन उतरेगा?” यानी मसीह को मुर्दों में से जिला कर ऊपर लाने को।
8बल्कि क्या कहती है; ये कि कलाम तेरे नज़दीक है बल्कि तेरे मुँह और तेरे दिल में है कि, ये वही ईमान का कलाम है जिसका हम ऐलान करते हैं।
9कि अगर तू अपनी ज़बान से ईसा के ख़ुदावन्द होने का इक़रार करे और अपने दिल से ईमान लाए कि ख़ुदा ने उसे मुर्दों में से जिलाया तो नजात पाएगा।
10क्यूँकि रास्तबाज़ी के लिए ईमान लाना दिल से होता है और नजात के लिए इक़रार मुँह से किया जाता है।
11चुनाँचे किताब — ए — मुक़द्दस ये कहती है “जो कोई उस पर ईमान लाएगा वो शर्मिन्दा न होगा।”
12क्यूँकि यहूदियों और यूनानियों में कुछ फ़र्क़ नहीं इसलिए कि वही सब का ख़ुदावन्द है और अपने सब दुआ करनेवालों के लिए फ़य्याज़ है।
13क्यूँकि “जो कोई ख़ुदावन्द का नाम लेगा नजात पाएगा।”
14मगर जिस पर वो ईमान नहीं लाए उस से क्यूँकर दुआ करें? और जिसका ज़िक्र उन्होंने सुना नहीं उस पर ईमान क्यूँ लाएँ? और बग़ैर ऐलान करने वाले की क्यूँकर सुनें?

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