4जो इधर उधर हो गए थे, वो कलाम की ख़ुशख़बरी देते फिरे।
5और फ़िलिप्पुस सूब — ए सामरिया में जाकर लोगों में मसीह का ऐलान करने लगा।
6और जो मोजिज़े फ़िलिप्पुस दिखाता था, लोगों ने उन्हें सुनकर और देख कर बिल — इत्तफ़ाक़ उसकी बातों पर जी लगाया।
7क्यूँकि बहुत सारे लोगों में से बदरूहें बड़ी आवाज़ से चिल्ला चिल्लाकर निकल गईं, और बहुत से मफ़्लूज और लंगड़े अच्छे किए गए।
8और उस शहर में बड़ी ख़ुशी हुई।
9उस से पहले शामा'ऊन नाम का एक शख़्स उस शहर में जादूगरी करता था, और सामरिया के लोगों को हैरान रखता और ये कहता था, कि मैं भी कोई बड़ा शख़्स हूँ।
10और छोटे से बड़े तक सब उसकी तरफ़ मुतवज्जह होते और कहते थे, ये शख़्स ख़ुदा की वो क़ुदरत है, जिसे बड़ी कहते हैं।
11वह इस लिए उस की तरफ़ मुतवज्जह होते थे, कि उस ने बड़ी मुद्दत से अपने जादू की वजह से उनको हैरान कर रखा था,