9लेकिन जब कुछ सख़्त दिल और नाफ़रमान हो गए। बल्कि लोगों के सामने इस तरीक़े को बुरा कहने लगे, तो उस ने उन से किनारा करके शागिर्दों को अलग कर लिया, और हर रोज़ तुरन्नुस के मदरसे में बहस किया करता था।
10दो बरस तक यही होता रहा, यहाँ तक कि आसिया के रहने वालों क्या यहूदी क्या यूनानी सब ने ख़ुदावन्द का कलाम सुना।
11और ख़ुदा पौलुस के हाथों से ख़ास ख़ास मोजिज़े दिखाता था।
12यहाँ तक कि रूमाल और पटके उसके बदन से छुआ कर बीमारों पर डाले जाते थे, और उन की बीमारियाँ जाती रहती थीं, और बदरूहें उन में से निकल जाती थीं।
13मगर कुछ यहूदियों ने जो झाड़ फूँक करते फिरते थे। ये इख़्तियार किया कि जिन में बदरूहें हों “उन पर ख़ुदावन्द ईसा का नाम ये कह कर फूँकें। कि जिस ईसा की पौलुस ऐलान करता है, मैं तुम को उसकी क़सम देता हूँ”
14और सिकवा, यहूदी सरदार काहिन, के सात बेटे ऐसा किया करते थे।
15बदरूह ने जवाब में उन से कहा, ईसा को तो मै जानती हूँ, और पौलुस से भी वाक़िफ़ हूँ “मगर तुम कौन हो?”
16और वो शख़्स जिस में बदरूह थी, कूद कर उन पर जा पड़ा और दोनों पर ग़ालिब आकर ऐसी ज़्यादती की कि वो नंगे और ज़ख़्मी होकर उस घर से निकल भागे।
17और ये बात इफ़िसुस के सब रहने वाले यहूदियों और यूनानियों को मा'लूम हो गई। पस, सब पर ख़ौफ़ छा गया, और ख़ुदावन्द ईसा के नाम की बड़ाई हुई।