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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रसूलों - रसूलों 19

रसूलों 19:27-38

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27पस, सिर्फ़ यही ख़तरा नहीं कि हमारा पेशा बेक़द्र हो जाएगा, बल्कि बड़ी देवी अरतमिस का मन्दिर भी नाचीज़ हो जाएगा, और जिसे तमाम आसिया और सारी दुनिया पूजती है, ख़ुद उसकी अज़मत भी जाती रहेगी।”
28वो ये सुन कर क़हर से भर गए और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगे, कि इफ़िसियों की अरतमिस बड़ी है!
29और तमाम शहर में हलचल पड़ गई, और लोगों ने गयुस और अरिस्तरख़ुस मकिदुनिया वालों को जो पौलुस के हम — सफ़र थे, पकड़ लिया और एक दिल हो कर तमाशा गाह को दौड़े।
30जब पौलुस ने मज्मे में जाना चाहा तो शागिर्दों ने जाने न दिया।
31और आसिया के हाकिमों में से उस के कुछ दोस्तों ने आदमी भेजकर उसकी मिन्नत की कि तमाशा गाह में जाने की हिम्मत न करना।
32और कुछ चिल्लाए और मजलिस दरहम बरहम हो गई थी, और अक्सर लोगों को ये भी ख़बर न थी, कि हम किस लिए इकटठे हुए हैं।
33फिर उन्हों ने इस्कन्दर को जिसे यहूदी पेश करते थे, भीड़ में से निकाल कर आगे कर दिया, और इस्कन्दर ने हाथ से इशारा करके मज्मे कि सामने उज़्र बयान करना चाहा।
34जब उन्हें मा'लूम हुआ कि ये यहूदी है, तो सब हम आवाज़ होकर कोई दो घंटे तक चिल्लाते रहे “कि इफ़िसियों की अरतमिस बड़ी है!”
35फिर शहर के मुहर्रिर ने लोगों को ठन्डा करके कहा, ऐ इफ़िसियो! कौन सा आदमी नहीं जानता कि इफ़िसियों का शहर बड़ी देवी अरतमिस के मन्दिर और उस मूरत का मुहाफ़िज़ है, जो ज़्यूस की तरफ़ से गिरी थी।
36पस, जब कोई इन बातों के ख़िलाफ़ नहीं कह सकता तो वाजिब है कि तुम इत्मीनान से रहो, और बे सोचे कुछ न करो।
37क्यूँकि ये लोग जिन को तुम यहाँ लाए हो न मन्दिर को लूटने वाले हैं, न हमारी देवी की बदगोई करनेवाले।
38पस, अगर देमेत्रियुस और उसके हम पेशा किसी पर दा'वा रखते हों तो अदालत खुली है, और सुबेदार मौजूद हैं, एक दूसरे पर नालिश करें।

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