19जब हेरोदेस ने उस की तलाश की और न पाया तो पहरे वालों की तहक़ीक़ात करके उनके क़त्ल का हुक्म दिया; और यहूदिया सूबे को छोड़ कर क़ैसरिया शहर में जा बसा।
20और वो सूर और सैदा के लोगों से निहायत नाख़ुश था, पस वो एक दिल हो कर उसके पास आए, और बादशाह के दरबान बलस्तुस को अपनी तरफ़ करके सुलह चाही, इसलिए कि उन के मुल्क को बादशाह के मुल्क से इम्दाद पहुँचती थी।
21पस, हेरोदेस एक दिन मुक़र्रर करके और शाहाना पोशाक पहन कर तख़्त — ए, अदालत पर बैठा, और उन से कलाम करने लगा।
22लोग पुकार उठे कि ये तो ख़ुदा की आवाज़ है न इंसान की, “यह ख़ुदावन्द की आवाज़ है, इन्सान की नहीं।”
23उसी वक़्त ख़ुदा के फ़रिश्ते ने उसे मारा; इसलिए कि उस ने ख़ुदा की बड़ाई नहीं की और वो कीड़े पड़ कर मर गया।