6वो शमौन दब्बाग़ के यहाँ मेहमान है, जिसका घर समुन्दर के किनारे है।
7और जब वो फ़रिश्ता चला गया जिस ने उस से बातें की थी, तो उस ने दो नौकरों को और उन में से जो उसके पास हाज़िर रहा करते थे, एक दीनदार सिपाही को बुलाया।
8और सब बातें उन से बयान कर के उन्हें याफ़ा में भेजा।
9दूसरे दिन जब वो राह में थे, और शहर के नज़दीक पहुँचे तो पतरस दोपहर के क़रीब छत पर दुआ करने को चढ़ा।