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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - रसूलों - रसूलों 10

रसूलों 10:15-37

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15फिर दूसरी बार उसे आवाज़ आई, कि “जिनको ख़ुदा ने पाक ठहराया है तू उन्हें हराम न कह”
16तीन बार ऐसा ही हुआ, और फ़ौरन वो चीज़ आसमान पर उठा ली गई।
17जब पतरस अपने दिल में हैरान हो रहा था, कि ये रोया जो में ने देखी क्या है, तो देखो वो आदमी जिन्हें कुर्नेलियुस ने भेजा था, शमौन के घर पूछ कर के दरवाज़े पर आ खड़े हुए।
18और पुकार कर पूछने लगे कि शमौन जो पतरस कहलाता है? “यही मेहमान है।”
19जब पतरस उस ख़्वाब को सोच रहा था, तो रूह ने उस से कहा देख तीन आदमी तुझे पूछ रहे हैं।
20पस, उठ कर नीचे जा और बे — खटके उनके साथ हो ले; क्यूँकि मैं ने ही उनको भेजा है।
21पतरस ने उतर कर उन आदमियों से कहा, “देखो जिसको तुम पूछते हो वो मैं ही हूँ तुम किस वजह से आये हो।”
22उन्होंने कहा, “कुर्नेलियुस सूबेदार जो रास्तबाज़ और ख़ुदा तरस आदमी और यहूदियों की सारी क़ौम में नेक नाम है उस ने पाक फ़रिश्ते से हिदायत पाई कि तुझे अपने घर बुलाकर तुझ से कलाम सुने।”
23पस उस ने उन्हें अन्दर बुला कर उनकी मेहमानी की, और दूसरे दिन वो उठ कर उनके साथ रवाना हुआ, और याफ़ा में से कुछ भाई उसके साथ हो लिए।
24वो दूसरे रोज़ क़ैसरिया में दाख़िल हुए, और कुर्नेलियुस अपने रिश्तेदारों और दिली दोस्तों को जमा कर के उनकी राह देख रहा था।
25जब पतरस अन्दर आने लगा तो ऐसा हुआ कि कुर्नेलियुस ने उसका इस्तक़बाल किया और उसके क़दमों में गिर कर सिज्दा किया।
26लेकिन पतरस ने उसे उठा कर कहा, “खड़ा हो, मैं भी तो इंसान हूँ।”
27और उससे बातें करता हुआ अन्दर गया और बहुत से लोगों को इकट्ठा पा कर।
28उनसे कहा तुम तो जानते हो कि यहूदी को ग़ैर क़ौम वाले से सोहबत रखना या उसके यहाँ जाना ना जायज़ है मगर ख़ुदा ने मुझ पर ज़ाहिर किया कि मैं किसी आदमी को नजिस या नापाक न कहूँ।
29इसी लिए जब मैं बुलाया गया तो बे' उज़्र चला आया, पस अब मैं पूछता हूँ कि मुझे किस बात के लिए बुलाया है?
30कुर्नेलियुस ने कहा “इस वक़्त पूरे चार रोज़ हुए कि मैं अपने घर तीसरे पहर दुआ कर रहा था। और क्या देखता हूँ। कि एक शख़्स चमकदार पोशाक पहने हुए मेरे सामने खड़ा हुआ।”
31और कहा कि ऐ'कुर्नेलियुस तेरी दुआ सुन ली गई और तेरी ख़ैरात की ख़ुदा के हुज़ूर याद हुई।
32पस किसी को याफ़ा में भेज कर शमौन को जो पतरस कहलाता है अपने पास बुला, वो समुन्दर के किनारे शमौन दब्बाग़ के घर में मेहमान है।
33पस उसी दम में ने तेरे पास आदमी भेजे और तूने ख़ूब किया जो आ गया, अब हम सब ख़ुदा के हुज़ूर हाज़िर हैं ताकि जो कुछ ख़ुदावन्द ने फ़रमाया है उसे सुनें।
34पतरस ने ज़बान खोल कर कहा, अब मुझे पूरा यक़ीन हो गया कि ख़ुदा किसी का तरफ़दार नहीं।
35बल्कि हर क़ौम में जो उस से डरता और रास्तबाज़ी करता है, वो उसको पसन्द आता है।
36जो कलाम उस ने बनी इस्राईल के पास भेजा, जब कि ईसा मसीह के ज़रिए जो सब का ख़ुदा है, सुलह की ख़ुशख़बरी दी।
37इस बात को तुम जानते हो जो यूहन्ना के बपतिस्मे की मनादी के बाद गलील से शुरू होकर तमाम यहूदिया सूबा में मशहूर हो गई।

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