9वो शख़्स फ़ौरन तन्दरुस्त हो गया, और अपनी चारपाई उठाकर चलने फिरने लगा।
10वो दिन सबत का था। पस यहूदी अगुवे उससे जिसने शिफ़ा पाई थी कहने लगे, “आज सबत का दिन है, तुझे चारपाई उठाना जायज़ नहीं।”
11उसने उन्हें जवाब दिया, जिसने मुझे तन्दरुस्त किया, उसी ने मुझे फ़रमाया, “अपनी चारपाई उठाकर चल फिर।”
12उन्होंने उससे पूछा, “वो कौन शख़्स है जिसने तुझ से कहा, 'चारपाई उठाकर चल फिर'?”
13लेकिन जो शिफ़ा पा गया था वो न जानता था कि वो कौन है, क्यूँकि भीड़ की वजह से 'ईसा वहाँ से टल गया था।
14इन बातों के बाद वो ईसा को हैकल में मिला; उसने उससे कहा, “देख, तू तन्दरुस्त हो गया है! फिर गुनाह न करना, ऐसा न हो कि तुझपर इससे भी ज़्यादा आफ़त आए।”
15उस आदमी ने जाकर यहूदियों को ख़बर दी कि जिसने मुझे तन्दरुस्त किया वो ईसा है।
16इसलिए यहूदी ईसा को सताने लगे, क्यूँकि वो ऐसे काम सबत के दिन करता था।