13इस तरह की बातें सुन कर पिलातुस ईसा को बाहर ले आया। फिर वह इंसाफ़ की कुर्सी पर बैठ गया। उस जगह का नाम “पच्चीकारी” था। (अरामी ज़बान में वह गब्बता कहलाती थी)।
14अब दोपहर के तक़रीबन बारह बज गए थे। उस दिन ईद के लिए तैयारियाँ की जाती थीं, क्यूँकि अगले दिन ईद का आग़ाज़ था। पिलातुस बोल “उठा, लो, तुम्हारा बादशाह!”