52लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’
53हमारा पिता अब्राहम तो मर गया, क्या तू उससे बड़ा है? और भविष्यद्वक्ता भी मर गए, तू अपने आप को क्या ठहराता है?”
54यीशु ने उत्तर दिया, “यदि मैं आप अपनी महिमा करूँ, तो मेरी महिमा कुछ नहीं, परन्तु मेरी महिमा करनेवाला मेरा पिता है, जिसे तुम कहते हो, कि वह हमारा परमेश्वर है।
55और तुम ने तो उसे नहीं जाना: परन्तु मैं उसे जानता हूँ; और यदि कहूँ कि मैं उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारे समान झूठा ठहरूँगा: परन्तु मैं उसे जानता, और उसके वचन पर चलता हूँ।
56तुम्हारा पिता अब्राहम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उसने देखा, और आनन्द किया।”
57लोगों ने उससे कहा, “अब तक तू पचास वर्ष का नहीं, फिर भी तूने अब्राहम को देखा है?”