44उनमें से कितने उसे पकड़ना चाहते थे, परन्तु किसी ने उस पर हाथ न डाला।
45तब सिपाही प्रधान याजकों और फरीसियों के पास आए, और उन्होंने उनसे कहा, “तुम उसे क्यों नहीं लाए?”
46सिपाहियों ने उत्तर दिया, “किसी मनुष्य ने कभी ऐसी बातें न की।”
47फरीसियों ने उनको उत्तर दिया, “क्या तुम भी भरमाए गए हो?
48क्या शासकों या फरीसियों में से किसी ने भी उस पर विश्वास किया है?
49परन्तु ये लोग जो व्यवस्था नहीं जानते, श्रापित हैं।”
50नीकुदेमुस ने, (जो पहले उसके पास आया था और उनमें से एक था), उनसे कहा,
51“क्या हमारी व्यवस्था किसी व्यक्ति को जब तक पहले उसकी सुनकर जान न ले कि वह क्या करता है; दोषी ठहराती है?”