Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - यूहन्ना - यूहन्ना 6

यूहन्ना 6:47-56

Help us?
Click on verse(s) to share them!
47मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है।
48जीवन की रोटी मैं हूँ।
49तुम्हारे पूर्वजों ने जंगल में मन्ना खाया और मर गए।
50यह वह रोटी है जो स्वर्ग से उतरती है ताकि मनुष्य उसमें से खाए और न मरे।
51जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।”
52इस पर यहूदी यह कहकर आपस में झगड़ने लगे, “यह मनुष्य कैसे हमें अपना माँस खाने को दे सकता है?”
53यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ जब तक मनुष्य के पुत्र का माँस न खाओ, और उसका लहू न पीओ, तुम में जीवन नहीं।
54जो मेरा माँस खाता, और मेरा लहू पीता हैं, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अन्तिम दिन फिर उसे जिला उठाऊँगा।
55क्योंकि मेरा माँस वास्तव में खाने की वस्तु है और मेरा लहू वास्तव में पीने की वस्तु है।
56जो मेरा माँस खाता और मेरा लहू पीता है, वह मुझ में स्थिर बना रहता है*, और मैं उसमें।

Read यूहन्ना 6यूहन्ना 6
Compare यूहन्ना 6:47-56यूहन्ना 6:47-56