Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - यूहन्ना - यूहन्ना 6

यूहन्ना 6:28-41

Help us?
Click on verse(s) to share them!
28उन्होंने उससे कहा, “परमेश्‍वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें?”
29यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “परमेश्‍वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो।”
30तब उन्होंने उससे कहा, “फिर तू कौन सा चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तुझ पर विश्वास करें? तू कौन सा काम दिखाता है?
31हमारे पूर्वजों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है, ‘उसने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी’।” (भज. 78:24)
32यीशु ने उनसे कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।
33क्योंकि परमेश्‍वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।”
34तब उन्होंने उससे कहा, “हे स्वामी, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर।”
35यीशु ने उनसे कहा, “जीवन की रोटी मैं हूँ*: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।
36परन्तु मैंने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तो भी विश्वास नहीं करते।
37जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, और जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं कभी न निकालूँगा।
38क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन् अपने भेजनेवाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूँ।
39और मेरे भेजनेवाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उसमें से मैं कुछ न खोऊँ परन्तु उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँ।
40क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।”
41तब यहूदी उस पर कुड़कुड़ाने लगे, इसलिए कि उसने कहा था, “जो रोटी स्वर्ग से उतरी, वह मैं हूँ।”

Read यूहन्ना 6यूहन्ना 6
Compare यूहन्ना 6:28-41यूहन्ना 6:28-41