17तब कालेब के भाई ओत्नीएल कनजी ने उसे ले लिया; और उसने उसे अपनी बेटी अकसा को ब्याह दिया।
18जब वह उसके पास आई, तब उसने उसको पिता से कुछ भूमि* माँगने को उभारा, फिर वह अपने गदहे पर से उतर पड़ी, और कालेब ने उससे पूछा, “तू क्या चाहती है?”
19वह बोली, “मुझे आशीर्वाद दे; तूने मुझे दक्षिण देश में की कुछ भूमि तो दी है, मुझे जल के सोते भी दे।” तब उसने ऊपर के सोते, नीचे के सोते, दोनों उसे दिए।।
20यहूदियों के गोत्र का भाग तो उनके कुलों के अनुसार यही ठहरा।।
21यहूदियों के गोत्र के किनारे-वाले नगर दक्षिण देश में एदोम की सीमा की ओर ये हैं, अर्थात् कबसेल, एदेर, यागूर,
22कीना, दीमोना, अदादा,
23केदेश, हासोर, यित्नान,
24जीप, तेलेम, बालोत,
25हासोर्हदत्ता, करिय्योथेस्रोन (जो हासोर भी कहलाता है),
26और अमाम, शेमा, मोलादा,
27हसर्गद्दा, हेशमोन, बेत्पेलेत,
28हसर्शूआल, बेर्शेबा, बिज्योत्या,
29बाला, इय्यीम, एसेम,
30एलतोलद, कसील, होर्मा,
31सिकलग, मदमन्ना, सनसन्ना,
32लबाओत, शिल्हीम, ऐन, और रिम्मोन; ये सब नगर उन्तीस हैं, और इनके गाँव भी हैं।
33नीचे के देश में ये हैं अर्थात् एश्ताओल, सोरा, अश्ना,