6पशु समान मनुष्य इसको नहीं समझता, और मूर्ख इसका विचार नहीं करता:
7कि दुष्ट जो घास के समान फूलते-फलते हैं, और सब अनर्थकारी जो प्रफुल्लित होते हैं, यह इसलिए होता है, कि वे सर्वदा के लिये नाश हो जाएँ,
8परन्तु हे यहोवा, तू सदा विराजमान रहेगा।
9क्योंकि हे यहोवा, तेरे शत्रु, हाँ तेरे शत्रु नाश होंगे; सब अनर्थकारी तितर-बितर होंगे।
10परन्तु मेरा सींग तूने जंगली सांड के समान ऊँचा किया है; तूने ताजे तेल से मेरा अभिषेक किया है।