6क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पश्चिम से, और न जंगल की ओर से आती है;
7परन्तु परमेश्वर ही न्यायी है, वह एक को घटाता और दूसरे को बढ़ाता है।
8यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है; उसमें मसाला मिला है*, और वह उसमें से उण्डेलता है, निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएँगे। (यिर्म. 25:15, प्रका. 14:10, प्रका. 16:19)