Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 73

भजन संहिता 73:17-27

Help us?
Click on verse(s) to share them!
17जब तक कि मैंने परमेश्‍वर के पवित्रस्‍थान में जाकर उन लोगों के परिणाम को न सोचा।
18निश्चय तू उन्हें फिसलनेवाले स्थानों में रखता है; और गिराकर सत्यानाश कर देता है।
19वे क्षण भर में कैसे उजड़ गए हैं! वे मिट गए, वे घबराते-घबराते नाश हो गए हैं।
20जैसे जागनेवाला स्वप्न को तुच्छ जानता है, वैसे ही हे प्रभु जब तू उठेगा, तब उनको छाया सा समझकर तुच्छ जानेगा।
21मेरा मन तो कड़ुवा हो गया था, मेरा अन्तःकरण छिद गया था,
22मैं अबोध और नासमझ था, मैं तेरे सम्‍मुख मूर्ख पशु के समान था।*
23तो भी मैं निरन्तर तेरे संग ही था; तूने मेरे दाहिने हाथ को पकड़ रखा।
24तू सम्मति देता हुआ, मेरी अगुआई करेगा, और तब मेरी महिमा करके मुझ को अपने पास रखेगा।
25स्वर्ग में मेरा और कौन है? तेरे संग रहते हुए मैं पृथ्वी पर और कुछ नहीं चाहता।
26मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्‍वर सर्वदा के लिये मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है।
27जो तुझ से दूर रहते हैं वे तो नाश होंगे; जो कोई तेरे विरुद्ध व्यभिचार करता है, उसको तू विनाश करता है।

Read भजन संहिता 73भजन संहिता 73
Compare भजन संहिता 73:17-27भजन संहिता 73:17-27