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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 68

भजन संहिता 68:25-35

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25गानेवाले आगे-आगे और तारवाले बाजों के बजानेवाले पीछे-पीछे गए, चारों ओर कुमारियाँ डफ बजाती थीं।
26सभाओं में परमेश्‍वर का, हे इस्राएल के सोते से निकले हुए लोगों, प्रभु का धन्यवाद करो।
27पहला बिन्यामीन जो सब से छोटा गोत्र है, फिर यहूदा के हाकिम और उनकी सभा और जबूलून और नप्ताली के हाकिम हैं।
28तेरे परमेश्‍वर ने तेरी सामर्थ्य को बनाया है, हे परमेश्‍वर, अपनी सामर्थ्य को हम पर प्रकट कर, जैसा तूने पहले प्रकट किया है।
29तेरे मन्दिर के कारण जो यरूशलेम में हैं, राजा तेरे लिये भेंट ले आएँगे।
30नरकटों में रहनेवाले जंगली पशुओं को, सांडों के झुण्ड को और देश-देश के बछड़ों को झिड़क दे। वे चाँदी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; जो लोगे युद्ध से प्रसन्‍न रहते हैं, उनको उसने तितर-बितर किया है।
31मिस्र से अधिकारी आएँगे; कूशी अपने हाथों को परमेश्‍वर की ओर फुर्ती से फैलाएँगे।
32हे पृथ्वी पर के राज्य-राज्य के लोगों परमेश्‍वर का गीत गाओ; प्रभु का भजन गाओ, (सेला)
33जो सबसे ऊँचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है।
34परमेश्‍वर की सामर्थ्य की स्तुति करो*, उसका प्रताप इस्राएल पर छाया हुआ है, और उसकी सामर्थ्य आकाशमण्डल में है।
35हे परमेश्‍वर, तू अपने पवित्रस्थानों में भययोग्य है, इस्राएल का परमेश्‍वर ही अपनी प्रजा को सामर्थ्य और शक्ति का देनेवाला है। परमेश्‍वर धन्य है।

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