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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 50

भजन संहिता 50:2-14

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2सिय्योन से, जो परम सुन्दर है, परमेश्‍वर ने अपना तेज दिखाया है।
3हमारा परमेश्‍वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे-आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आँधी चलेगी।
4वह अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये ऊपर के आकाश को और पृथ्वी को भी पुकारेगा*:
5“मेरे भक्तों को मेरे पास इकट्ठा करो, जिन्होंने बलिदान चढ़ाकर मुझसे वाचा बाँधी है!”
6और स्वर्ग उसके धर्मी होने का प्रचार करेगा क्योंकि परमेश्‍वर तो आप ही न्यायी है। (सेला) (भजन 97:6, इब्रा. 12:23)
7“हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूँ, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूँ। परमेश्‍वर तेरा परमेश्‍वर मैं ही हूँ।
8मैं तुझ पर तेरे बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।
9मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशुशालाओं से बकरे ले लूँगा।
10क्योंकि वन के सारे जीव-जन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।
11पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूँ, और मैदान पर चलने-फिरनेवाले जानवर मेरे ही हैं।
12“यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत और जो कुछ उसमें है वह मेरा है*। (प्रेरि. 17:25, 1 कुरि. 10:26)
13क्या मैं बैल का माँस खाऊँ, या बकरों का लहू पीऊँ?
14परमेश्‍वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर; (इब्रा. 13:15, सभो. 5:4-5)

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