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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 22

भजन संहिता 22:4-17

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4हमारे पुरखा तुझी पर भरोसा रखते थे; वे भरोसा रखते थे, और तू उन्हें छुड़ाता था।
5उन्होंने तेरी दुहाई दी और तूने उनको छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए।
6परन्तु मैं तो कीड़ा हूँ, मनुष्य नहीं; मनुष्यों में मेरी नामधराई है, और लोगों में मेरा अपमान होता है।
7वह सब जो मुझे देखते हैं मेरा ठट्ठा करते हैं, और होंठ बिचकाते और यह कहते हुए सिर हिलाते हैं, (मत्ती 27:39, मर. 15:29)
8वे कहते है “वह यहोवा पर भरोसा करता है, यहोवा उसको छुड़ाए, वह उसको उबारे क्योंकि वह उससे प्रसन्‍न है।” (भज. 91:14)
9परन्तु तू ही ने मुझे गर्भ से निकाला*; जब मैं दूध-पीता बच्चा था, तब ही से तूने मुझे भरोसा रखना सिखाया।
10मैं जन्मते ही तुझी पर छोड़ दिया गया, माता के गर्भ ही से तू मेरा परमेश्‍वर है।
11मुझसे दूर न हो क्योंकि संकट निकट है, और कोई सहायक नहीं।
12बहुत से सांडों ने मुझे घेर लिया है, बाशान के बलवन्त सांड मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है।
13वे फाड़ने और गरजनेवाले सिंह के समान मुझ पर अपना मुँह पसारे हुए है।
14मैं जल के समान बह गया*, और मेरी सब हड्डियों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया।
15मेरा बल टूट गया, मैं ठीकरा हो गया; और मेरी जीभ मेरे तालू से चिपक गई; और तू मुझे मारकर मिट्टी में मिला देता है। (नीति. 17:22)
16क्योंकि कुत्तों ने मुझे घेर लिया है; कुकर्मियों की मण्डली मेरे चारों ओर मुझे घेरे हुए है; वह मेरे हाथ और मेरे पैर छेदते हैं। (मत्ती 27:35 मर. 15:29 लूका 23:33)
17मैं अपनी सब हड्डियाँ गिन सकता हूँ; वे मुझे देखते और निहारते हैं;

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