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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 145

भजन संहिता 145:3-15

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3यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है।
4तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी-पीढ़ी होता चला जाएगा।
5मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भाँति-भाँति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूँगा।
6लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े-बड़े कामों का वर्णन करूँगा।
7लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण करके उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे।
8यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से क्रोध करनेवाला और अति करुणामय है।
9यहोवा सभी के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।
10हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे!
11वे तेरे राज्य की महिमा की चर्चा करेंगे, और तेरे पराक्रम के विषय में बातें करेंगे;
12कि वे मनुष्यों पर तेरे पराक्रम के काम और तेरे राज्य के प्रताप की महिमा प्रगट करें।
13तेरा राज्य युग-युग का और तेरी प्रभुता सब पीढि़यों तक बनी रहेगी।
14यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है, और सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है।
15सभी की आँखें तेरी ओर लगी रहती हैं, और तू उनको आहार समय पर देता है।

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