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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 136

भजन संहिता 136:5-23

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5उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
6उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करुणा सदा की है।
7उसने बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ बनाईं, उसकी करुणा सदा की है।
8दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
9और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
10उसने मिस्रियों के पहलौठों को मारा, उसकी करुणा सदा की है।
11और उनके बीच से इस्राएलियों को निकाला, उसकी करुणा सदा की है।
12बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से निकाल लाया, उसकी करुणा सदा की है।
13उसने लाल समुद्र को विभाजित कर दिया, उसकी करुणा सदा की है।
14और इस्राएल को उसके बीच से पार कर दिया, उसकी करुणा सदा की है;
15और फ़िरौन को उसकी सेना समेत लाल समुद्र में डाल दिया, उसकी करुणा सदा की है।
16वह अपनी प्रजा को जंगल में ले चला, उसकी करुणा सदा की है।
17उसने बड़े-बड़े राजा मारे, उसकी करुणा सदा की है।
18उसने प्रतापी राजाओं को भी मारा, उसकी करुणा सदा की है'
19एमोरियों के राजा सीहोन को, उसकी करुणा सदा की है;
20और बाशान के राजा ओग को घात किया, उसकी करुणा सदा की है।
21और उनके देश को भाग होने के लिये, उसकी करुणा सदा की है;
22अपने दास इस्राएलियों के भाग होने के लिये दे दिया, उसकी करुणा सदा की है।
23उसने हमारी दुर्दशा में हमारी सुधि ली*, उसकी करुणा सदा की है;

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