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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 136

भजन संहिता 136:2-12

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2जो ईश्वरों का परमेश्‍वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करुणा सदा की है।
3जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करुणा सदा की है।
4उसको छोड़कर कोई बड़े-बड़े आश्चर्यकर्म नहीं करता, उसकी करुणा सदा की है।
5उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
6उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करुणा सदा की है।
7उसने बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ बनाईं, उसकी करुणा सदा की है।
8दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
9और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करुणा सदा की है।
10उसने मिस्रियों के पहलौठों को मारा, उसकी करुणा सदा की है।
11और उनके बीच से इस्राएलियों को निकाला, उसकी करुणा सदा की है।
12बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से निकाल लाया, उसकी करुणा सदा की है।

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