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पवित्र बाइबिल - भजन संहिता - भजन संहिता 120

भजन संहिता 120:4-7

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4वीर के नोकीले तीर और झाऊ के अंगारे!
5हाय, हाय, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा और केदार के तम्बुओं में बसना पड़ा है!
6बहुत समय से मुझ को मेल के बैरियों के साथ बसना पड़ा है।
7मैं तो मेल चाहता हूँ; परन्तु मेरे बोलते* ही, वे लड़ना चाहते हैं!

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