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पवित्र बाइबिल - प्रेरितों के काम - प्रेरितों के काम 7

प्रेरितों के काम 7:29-35

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29यह बात सुनकर, मूसा भागा और मिद्यान देश में परदेशी होकर रहने लगा: और वहाँ उसके दो पुत्र उत्‍पन्‍न हुए। (निर्ग. 2:15-22, निर्ग. 18:3-4)
30“जब पूरे चालीस वर्ष बीत गए, तो एक स्वर्गदूत ने सीनै पहाड़ के जंगल में उसे जलती हुई झाड़ी की ज्वाला में दर्शन दिया। (निर्ग. 3:1)
31मूसा ने उस दर्शन को देखकर अचम्भा किया, और जब देखने के लिये पास गया, तो प्रभु की यह वाणी सुनाई दी, (निर्ग. 3:2-3)
32“मैं तेरे पूर्वज, अब्राहम का परमेश्‍वर, इसहाक का परमेश्‍वर और याकूब का परमेश्‍वर हूँ।” तब तो मूसा काँप उठा, यहाँ तक कि उसे देखने का साहस न रहा।
33तब प्रभु ने उससे कहा, ‘अपने पाँवों से जूती उतार ले, क्योंकि जिस जगह तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है। (निर्ग. 3:5)
34मैंने सचमुच अपने लोगों की दुर्दशा को जो मिस्र में है, देखी है; और उनकी आहें और उनका रोना सुन लिया है; इसलिए उन्हें छुड़ाने के लिये उतरा हूँ। अब आ, मैं तुझे मिस्र में भेजूँगा। (निर्ग. 2:24, निर्ग. 3:7-10)
35“जिस मूसा को उन्होंने यह कहकर नकारा था, ‘तुझे किस ने हम पर अधिपति और न्यायाधीश ठहराया है?’ उसी को परमेश्‍वर ने अधिपति और छुड़ानेवाला ठहराकर, उस स्वर्गदूत के द्वारा जिस ने उसे झाड़ी में दर्शन दिया था, भेजा। (निर्ग. 2:14, निर्ग. 3:2)

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