24और पिसिदिया से होते हुए वे पंफूलिया में पहुँचे;
25और पिरगा में वचन सुनाकर अत्तलिया में आए।
26और वहाँ से जहाज द्वारा अन्ताकिया गये, जहाँ वे उस काम के लिये जो उन्होंने पूरा किया था परमेश्वर के अनुग्रह में सौंपे गए।
27वहाँ पहुँचकर, उन्होंने कलीसिया इकट्ठी की और बताया, कि परमेश्वर ने हमारे साथ होकर कैसे बड़े-बड़े काम किए! और अन्यजातियों के लिये विश्वास का द्वार खोल दिया*।
28और वे चेलों के साथ बहुत दिन तक रहे।