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पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 7

नीतिवचन 7:18-22

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18इसलिए अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।
19क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;
20वह चाँदी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा।”
21ऐसी ही लुभानेवाली बातें कह कहकर, उसने उसको फँसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उसको अपने वश में कर लिया।
22वह तुरन्त उसके पीछे हो लिया, जैसे बैल कसाई-खाने को, या हिरन फंदे में कदम रखता है।

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