14“मैंने आज ही मेलबलि चढ़ाया* और अपनी मन्नतें पूरी की;
15इसी कारण मैं तुझ से भेंट करने को निकली, मैं तेरे दर्शन की खोजी थी, और अभी पाया है।
16मैंने अपने पलंग के बिछौने पर मिस्र के बेलबूटेवाले कपड़े बिछाए हैं;
17मैंने अपने बिछौने पर गन्धरस, अगर और दालचीनी छिड़की है।