12ओछे और अनर्थकारी* को देखो, वह टेढ़ी-टेढ़ी बातें बकता फिरता है,
13वह नैन से सैन और पाँव से इशारा, और अपनी अंगुलियों से संकेत करता है,
14उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा रगड़ा उत्पन्न करता है।
15इस कारण उस पर विपत्ति अचानक आ पड़ेगी, वह पल भर में ऐसा नाश हो जाएगा, कि बचने का कोई उपाय न रहेगा।