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पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 27

नीतिवचन 27:15-21

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15झड़ी के दिन पानी का लगातार टपकना, और झगड़ालू पत्‍नी दोनों एक से हैं;
16जो उसको रोक रखे, वह वायु को भी रोक रखेगा और दाहिने हाथ से वह तेल पकड़ेगा।
17जैसे लोहा लोहे को चमका देता है, वैसे ही मनुष्य का मुख अपने मित्र की संगति से चमकदार हो जाता है।
18जो अंजीर के पेड़ की रक्षा करता है वह उसका फल खाता है, इसी रीति से जो अपने स्वामी की सेवा करता उसकी महिमा होती है।
19जैसे जल में मुख की परछाई मुख को प्रगट करती है, वैसे ही मनुष्य का मन मनुष्य को प्रगट करती है।
20जैसे अधोलोक और विनाशलोक, वैसे ही मनुष्य की आँखें भी तृप्त नहीं होती।
21जैसे चाँदी के लिये कुठाली और सोने के लिये भट्ठी हैं, वैसे ही मनुष्य के लिये उसकी प्रशंसा है।

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