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पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 24

नीतिवचन 24:15-21

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15तू दुष्ट के समान धर्मी के निवास को नष्ट करने के लिये घात में न बैठ*; और उसके विश्रामस्थान को मत उजाड़;
16क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे तो भी उठ खड़ा होता है; परन्तु दुष्ट लोग विपत्ति में गिरकर पड़े ही रहते हैं।
17जब तेरा शत्रु गिर जाए तब तू आनन्दित न हो, और जब वह ठोकर खाए, तब तेरा मन मगन न हो।
18कहीं ऐसा न हो कि यहोवा यह देखकर अप्रसन्न हो और अपना क्रोध उस पर से हटा ले।
19कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, दुष्ट लोगों के कारण डाह न कर;
20क्योंकि बुरे मनुष्य को अन्त में* कुछ फल न मिलेगा, दुष्टों का दीपक बुझा दिया जाएगा।
21हे मेरे पुत्र, यहोवा और राजा दोनों का भय मानना; और उनके विरुद्ध बलवा करनेवालों के साथ न मिलना; (1 पतरस. 2:17)

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