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पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 21

नीतिवचन 21:8-15

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8पाप से लदे हुए मनुष्य का मार्ग बहुत ही टेढ़ा होता है, परन्तु जो पवित्र है, उसका कर्म सीधा होता है।
9लम्बे-चौड़े घर में झगड़ालू पत्‍नी के संग रहने से, छत के कोने पर रहना उत्तम है।
10दुष्ट जन बुराई की लालसा जी से करता है, वह अपने पड़ोसी पर अनुग्रह की दृष्टि नहीं करता।
11जब ठट्ठा करनेवाले को दण्ड दिया जाता है, तब भोला बुद्धिमान हो जाता है; और जब बुद्धिमान को उपदेश दिया जाता है, तब वह ज्ञान प्राप्त करता है।
12धर्मी जन दुष्टों के घराने पर बुद्धिमानी से विचार करता है, और परमेश्‍वर दुष्टों को बुराइयों में उलट देता है।
13जो कंगाल की दुहाई पर कान न दे, वह आप पुकारेगा और उसकी सुनी न जाएगी।
14गुप्त में दी हुई भेंट से क्रोध ठण्डा होता है, और चुपके से दी हुई घूस से बड़ी जलजलाहट भी थमती है।
15न्याय का काम करना धर्मी को तो आनन्द, परन्तु अनर्थकारियों को विनाश ही का कारण जान पड़ता है।

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