Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - नीतिवचन - नीतिवचन 21

नीतिवचन 21:17-27

Help us?
Click on verse(s) to share them!
17जो रागरंग से प्रीति रखता है, वह कंगाल हो जाता है; और जो दाखमधु पीने और तेल लगाने से प्रीति रखता है, वह धनी नहीं होता।
18दुष्ट जन धर्मी की छुड़ौती ठहरता है, और विश्वासघाती सीधे लोगों के बदले दण्ड भोगते हैं।
19झगड़ालू और चिढ़नेवाली पत्‍नी के संग रहने से, जंगल में रहना उत्तम है।
20बुद्धिमान के घर में उत्तम धन और तेल पाए जाते हैं, परन्तु मूर्ख उनको उड़ा डालता है।
21जो धर्म और कृपा का पीछा करता है*, वह जीवन, धर्म और महिमा भी पाता है।
22बुद्धिमान शूरवीरों के नगर पर चढ़कर, उनके बल को जिस पर वे भरोसा करते हैं, नाश करता है।
23जो अपने मुँह को वश में रखता है वह अपने प्राण को विपत्तियों से बचाता है।
24जो अभिमान से रोष में आकर काम करता है, उसका नाम अभिमानी, और अहंकारी ठट्ठा करनेवाला पड़ता है।
25आलसी अपनी लालसा ही में मर जाता है, क्योंकि उसके हाथ काम करने से इन्कार करते हैं।
26कोई ऐसा है, जो दिन भर लालसा ही किया करता है, परन्तु धर्मी लगातार दान करता रहता है।
27दुष्टों का बलिदान घृणित है; विशेष करके जब वह बुरे उद्देश्य के साथ लाता है।

Read नीतिवचन 21नीतिवचन 21
Compare नीतिवचन 21:17-27नीतिवचन 21:17-27