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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 73

ज़बूर 73:5-11

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5वह और आदमियों की तरह मुसीबत में नहीं पड़ते; न और लोगों की तरह उन पर आफ़त आती है।
6इसलिए गु़रूर उनके गले का हार है, जैसे वह ज़ुल्म से मुलब्बस हैं।
7उनकी आँखें चर्बी से उभरी हुई हैं, उनके दिल के ख़यालात हद से बढ़ गए हैं।
8वह ठट्ठा मारते, और शरारत से जु़ल्म की बातें करते हैं; वह बड़ा बोल बोलते हैं।
9उनके मुँह आसमान पर हैं, और उनकी ज़बाने ज़मीन की सैर करती हैं।
10इसलिए उसके लोग इस तरफ़ रुजू' होते हैं, और जी भर कर पीते हैं।
11वह कहते हैं, “ख़ुदा को कैसे मा'लूम है? क्या हक़ ता'ला को कुछ 'इल्म है?”

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