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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 68

ज़बूर 68:4-24

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4ख़ुदा के लिए गाओ, उसके नाम की मदहसराई करो; सहरा के सवार के लिए शाहराह तैयार करो; उसका नाम याह है, और तुम उसके सामने ख़ुश हो।
5ख़ुदा अपने मुक़द्दस मकान में, यतीमों का बाप और बेवाओं का दादरस है।
6खु़दा तन्हा को ख़ान्दान बख़्शता है; वह कैदियों को आज़ाद करके इक़बालमंद करता है; लेकिन सरकश ख़ुश्क ज़मीन में रहते हैं।
7ऐ ख़ुदा, जब तू अपने लोगों के आगे — आगे चला, जब तू वीरान में से गुज़रा, सिलाह
8तो ज़मीन काँप उठी; ख़ुदा के सामने आसमान गिर पड़े, बल्कि पाक पहाड़ भी ख़ुदा के सामने, इस्राईल के ख़ुदा के सामने काँप उठा।
9ऐ ख़ुदा, तूने खू़ब मेंह बरसाया: तूने अपनी खु़श्क मीरास को ताज़गी बख़्शी।
10तेरे लोग उसमें बसने लगे; ऐ ख़ुदा, तूने अपने फ़ैज़ से ग़रीबों के लिए उसे तैयार किया।
11ख़ुदावन्द हुक्म देता है; ख़ुशख़बरी देने वालियाँ फ़ौज की फ़ौज हैं।
12लश्करों के बादशाह भागते हैं, वह भाग जाते हैं; और 'औरत घर में बैठी बैठी लूट का माल बाँटती है।
13जब तुम भेड़ सालों में पड़े रहते हो, तो उस कबूतर की तरह होगे जिसके बाज़ू जैसे चाँदी से, और पर ख़ालिस सोने से मंढ़े हुए हों।
14जब क़ादिर — ए — मुतलक ने बादशाहों को उसमें परागंदा किया, तो ऐसा हाल हो गया, जैसे सलमोन पर बर्फ़ पड़ रही थी।
15बसन का पहाड़ ख़ुदा का पहाड़ है; बसन का पहाड़ ऊँचा पहाड़ है।
16ऐ ऊँचे पहाड़ो, तुम उस पहाड़ को क्यूँ ताकते हो, जिसे ख़ुदा ने अपनी सुकूनत के लिए पसन्द किया है, बल्कि ख़ुदावन्द उसमें हमेशा तक रहेगा?
17ख़ुदा के रथ बीस हज़ार, बल्कि हज़ारहा हज़ार हैं; ख़ुदावन्द जैसा पाक पहाड़ में वैसा ही उनके बीच हैकल में है।
18तूने 'आलम — ए — बाला को सु'ऊद फ़रमाया, तू कैदियों को साथ ले गया; तुझे लोगों से बल्कि सरकशों से भी हदिए मिले, ताकि ख़ुदावन्द ख़ुदा उनके साथ रहे।
19ख़ुदावन्द मुबारक हो, जो हर रोज़ हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा नजात देने वाला ख़ुदा है।
20ख़ुदा हमारे लिए छुड़ाने वाला ख़ुदा है और मौत से बचने की राहें भी ख़ुदावन्द ख़ुदा की हैं।
21लेकिन ख़ुदावन्द अपने दुश्मनों के सिर को, और लगातार गुनाह करने वाले की बालदार खोपड़ी को चीर डालेगा।
22ख़ुदावन्द ने फ़रमाया, “मैं उनको बसन से निकाल लाऊँगा; मैं उनको समन्दर की तह से निकाल लाऊँगा।
23ताकि तू अपना पाँव ख़ून से तर करे, और तेरे दुश्मन तेरे कुत्तों के मुँह का निवाला बनें।”
24ऐ ख़ुदा! लोगों ने तेरी आमद देखी, मक़दिस में मेरे ख़ुदा, मेरे बादशाह की 'आमद

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