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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 68

ज़बूर 68:1-15

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1ख़ुदा उठे, उसके दुश्मन तितर बितर हों, उससे 'अदावत रखने वाले उसके सामने से भाग जाएँ।
2जैसे धुवाँ उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; जैसे मोम आग के सामने पिघला जाता, वैसे ही शरीर ख़ुदा के सामने फ़ना हो जाएँ।
3लेकिन सादिक़ ख़ुशी मनाएँ, वह ख़ुदा के सामने ख़ुश हों, बल्कि वह खु़शी से फूले न समाएँ।
4ख़ुदा के लिए गाओ, उसके नाम की मदहसराई करो; सहरा के सवार के लिए शाहराह तैयार करो; उसका नाम याह है, और तुम उसके सामने ख़ुश हो।
5ख़ुदा अपने मुक़द्दस मकान में, यतीमों का बाप और बेवाओं का दादरस है।
6खु़दा तन्हा को ख़ान्दान बख़्शता है; वह कैदियों को आज़ाद करके इक़बालमंद करता है; लेकिन सरकश ख़ुश्क ज़मीन में रहते हैं।
7ऐ ख़ुदा, जब तू अपने लोगों के आगे — आगे चला, जब तू वीरान में से गुज़रा, सिलाह
8तो ज़मीन काँप उठी; ख़ुदा के सामने आसमान गिर पड़े, बल्कि पाक पहाड़ भी ख़ुदा के सामने, इस्राईल के ख़ुदा के सामने काँप उठा।
9ऐ ख़ुदा, तूने खू़ब मेंह बरसाया: तूने अपनी खु़श्क मीरास को ताज़गी बख़्शी।
10तेरे लोग उसमें बसने लगे; ऐ ख़ुदा, तूने अपने फ़ैज़ से ग़रीबों के लिए उसे तैयार किया।
11ख़ुदावन्द हुक्म देता है; ख़ुशख़बरी देने वालियाँ फ़ौज की फ़ौज हैं।
12लश्करों के बादशाह भागते हैं, वह भाग जाते हैं; और 'औरत घर में बैठी बैठी लूट का माल बाँटती है।
13जब तुम भेड़ सालों में पड़े रहते हो, तो उस कबूतर की तरह होगे जिसके बाज़ू जैसे चाँदी से, और पर ख़ालिस सोने से मंढ़े हुए हों।
14जब क़ादिर — ए — मुतलक ने बादशाहों को उसमें परागंदा किया, तो ऐसा हाल हो गया, जैसे सलमोन पर बर्फ़ पड़ रही थी।
15बसन का पहाड़ ख़ुदा का पहाड़ है; बसन का पहाड़ ऊँचा पहाड़ है।

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