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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 48

ज़बूर 48:1-13

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1हमारे ख़ुदा के शहर में, अपने पाक पहाड़ पर ख़ुदावन्द बुज़ु़र्ग़ और बेहद सिताइश के लायक़ है!
2उत्तर की जानिब कोह — ए — सिय्यून, जो बड़े बादशाह का शहर है, वह बुलन्दी में खु़शनुमा और तमाम ज़मीन का फ़ख़्र है।
3उसके महलों में ख़ुदा पनाह माना जाता है।
4क्यूँकि देखो, बादशाह इकट्ठे हुए, वह मिलकर गुज़रे।
5वह देखकर दंग हो गए, वह घबराकर भागे।
6वहाँ कपकपी ने उनको आ दबाया, और ऐसे दर्द ने जैसा पैदाइश का दर्द।
7तू पूरबी हवा से तरसीस के जहाज़ों को तोड़ डालता है।
8लश्करों के ख़ुदावन्द के शहर में, या'नी अपने ख़ुदा के शहर में, जैसा हम ने सुना था वैसा ही हम ने देखा: ख़ुदा उसे हमेशा बरक़रार रखेगा।
9ऐ ख़ुदा, तेरी हैकल के अन्दर हम ने तेरी शफ़क़त पर ग़ौर किया है
10ऐ ख़ुदा, जैसा तेरा नाम है वैसी ही तेरी सिताइश ज़मीन की इन्तिहा तक है। तेरा दहना हाथ सदाक़त से मा'मूर है।
11तेरे अहकाम की वजह से:कोह — ए — सिय्यून शादमान हो यहूदाह की बेटियाँ ख़ुशी मनाए,
12सिय्यून के गिर्द फिरो और उसका तवाफ़ करो उसके बुर्जों को गिनों,
13उसकी शहर पनाह को खू़ब देख लो, उसके महलों पर ग़ौर करो; ताकि तुम आने वाली नसल को उसकी ख़बर दे सको।

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