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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 37

ज़बूर 37:1-16

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1तू बदकिरदारों की वजह से बेज़ार न हो, और बदी करने वालों पर रश्क न कर!
2क्यूँकि वह घास की तरह जल्द काट डाले जाएँगे, और हरियाली की तरह मुरझा जाएँगे।
3ख़ुदावन्द पर भरोसा कर, और नेकी कर; मुल्क में आबाद रह, और उसकी वफ़ादारी से परवरिश पा।
4ख़ुदावन्द में मसरूर रह, और वह तेरे दिल की मुरादें पूरी करेगा।
5अपनी राह ख़ुदावन्द पर छोड़ दे:और उस पर भरोसा कर, वही सब कुछ करेगा।
6वह तेरी रास्तबाज़ी को नूर की तरह, और तेरे हक़ को दोपहर की तरह रोशन करेगा।
7ख़ुदावन्द में मुतम'इन रह, और सब्र से उसकी आस रख; उस आदमी की वजह से जो अपनी राह में कामयाब होता और बुरे मन्सूबों को अंजाम देता है, बेज़ार न हो।
8क़हर से बाज़ आ और ग़ज़ब को छोड़ दे! बेज़ार न हो, इससे बुराई ही निकलती है।
9क्यूँकि बदकार काट डाले जाएँगे; लेकिन जिनको ख़ुदावन्द की आस है, मुल्क के वारिस होंगे।
10क्यूँकि थोड़ी देर में शरीर नाबूद हो जाएगा; तू उसकी जगह को ग़ौर से देखेगा पर वह न होगा।
11लेकिन हलीम मुल्क के वारिस होंगे, और सलामती की फ़िरावानी से ख़ुश रहेंगे।
12शरीर रास्तबाज़ के ख़िलाफ़ बन्दिशें बाँधता है, और उस पर दाँत पीसता है;
13ख़ुदावन्द उस पर हंसेगा, क्यूँकि वह देखता है कि उसका दिनआता है।
14शरीरों ने तलवार निकाली और कमान खींची है, ताकि ग़रीब और मुहताज को गिरा दें, और रास्तरों को क़त्ल करें।
15उनकी तलवार उन ही के दिल को छेदेगी, और उनकी कमानें तोड़ी जाएँगी।
16सादिक़ का थोड़ा सा माल, बहुत से शरीरों की दौलत से बेहतर है।

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