8ऐ आग और ओलो! ऐ बर्फ़ और कुहर ऐ तूफ़ानी हवा! जो उसके कलाम की ता'लीम करती है।
9ऐ पहाड़ो और सब टीलो! ऐ मेवादार दरख़्तो और सब देवदारो!
10ऐ जानवरो और सब चौपायो! ऐ रेंगने वालो और परिन्दो!
11ऐ ज़मीन के बादशाहो और सब उम्मतों! ऐ उमरा और ज़मीन के सब हाकिमों!
12ऐ नौजवानो और कुंवारियो! ऐ बूढ़ों और बच्चो!
13यह सब ख़ुदावन्द के नाम की हम्द करें, क्यूँकि सिर्फ़ उसी का नाम मुम्ताज़ है। उसका जलाल ज़मीन और आसमान से बुलन्द है।