11वह तेरी सल्तनत के जलाल का बयान, और तेरी कु़दरत का ज़िक्र करेंगे;
12ताकि बनी आदम पर उसके कुदरत के कामों को, और उसकी सल्तनत के जलाल की शान को ज़ाहिर करें।
13तेरी सल्तनत हमेशा की सल्तनत है, और तेरी हुकूमत नसल — दर — नसल।
14ख़ुदावन्द गिरते हुए को संभालता, और झुके हुए को उठा खड़ा करता है।
15सब की आँखें तुझ पर लगी हैं, तू उनको वक़्त पर उनकी ख़ुराक देता है।