21और उनकी ज़मीन मीरास कर दी, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है;
22या'नी अपने बन्दे इस्राईल की मीरास, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।
23जिसने हमारी पस्ती में हम को याद किया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है;
24और हमारे मुख़ालिफ़ों से हम को छुड़ाया, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।
25जो सब बशर को रोज़ी देता है, कि उसकी शफ़क़त हमेशा की है।