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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - ज़बूर - ज़बूर 128

ज़बूर 128:1-4

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1मुबारक है हर एक जो ख़ुदावन्द से डरता, और उसकी राहों पर चलता है।
2तू अपने हाथों की कमाई खाएगा; तू मुबारक और फ़र्माबरदार होगा।
3तेरी बीवी तेरे घर के अन्दर मेवादार ताक की तरह होगी, और तेरी औलाद तेरे दस्तरख़्वान पर ज़ैतून के पौदों की तरह।
4देखो! ऐसी बरकत उसी आदमी को मिलेगी, जो ख़ुदावन्द से डरता है।

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