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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) उर्दू - 2019 - गिन - गिन 26

गिन 26:11-58

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11लेकिन क़ोरह के बेटे नहीं मरे थे।
12और शमौन के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी नमूएल, जिससे नमूएलियों का ख़ान्दान चला; और यमीन, जिससे यमीनियों का ख़ान्दान चला; और यकीन, जिससे यकीनियों का ख़ान्दान चला;
13और ज़ारह, जिससे ज़ारहियों का ख़ान्दान चला; और साऊल, जिससे साऊलियों का ख़ान्दान चला।
14तब बनी शमौन के ख़ान्दानों में से बाईस हज़ार दो सौ आदमी गिने गए।
15और जद्द के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सफ़ोन, जिससे सफ़ोनियों का ख़ान्दान चला; और हज्जी, जिससे हज्जियों का ख़ान्दान चला; और सूनी, जिससे सूनियों का ख़ान्दान चला;
16और उज़नी जिससे उज़नियों का ख़ान्दान चला; और 'एरी, जिससे 'एरियों का ख़ान्दान चला;
17और अरूद, जिससे अरूदियों का ख़ान्दान चला; और अरेली, जिससे अरेलियों का ख़ान्दान चला।
18बनी जद्द के यही घराने हैं, जो इनमें से गिने गए वह चालीस हज़ार पाँच सौ थे।
19यहूदाह के बेटों में से 'एर और ओनान तो मुल्क — ए — कना'न ही में मर गए।
20और यहूदाह के और बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सीला, जिससे सीलानियों का ख़ान्दान चला; और फ़ारस, जिससे फ़ारसियों का ख़ान्दान चला; और ज़ारह, जिससे ज़ारहियों का ख़ान्दान चला।
21फ़ारस के बेटे यह हैं, या'नी हसरोन, जिससे हसरोनियों का ख़ान्दान चला; और हमूल, जिससे हमूलियों का ख़ान्दान चला।
22ये बनी यहूदाह के घराने हैं। इनमें से छिहत्तर हज़ार पाँच सौ आदमी गिने गए।
23और इश्कार के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी तोला', जिससे तोल'इयों का ख़ान्दान चला; और फ़ुव्वा, जिससे फ़ुवियों का ख़ान्दान चला:
24यसूब, जिससे यसूबियों का ख़ान्दान चला; सिमरोन, जिससे सिमरोनियों का ख़ान्दान चला।
25यह बनी इश्कार के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह चौंसठ हज़ार तीन सौ थे।
26और ज़बूलून के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सरद, जिससे सरदियों का ख़ान्दान चला; एलोन, जिससे एलोनियों का ख़ान्दान चला; यहलीएल, जिससे यहलीएलियों का ख़ान्दान चला।
27यह बनी ज़बूलून के घराने हैं। इनमें से साठ हज़ार पाँच सौ आदमी गिने गए।
28और यूसुफ़ के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी मनस्सी और इफ़्राईम।
29और मनस्सी का बेटा मकीर था, जिससे मकीरियों का ख़ान्दान चला; और मकीर से जिल'आद पैदा हुआ, जिससे जिल'आदियों का ख़ान्दान चला।
30और जिल'आद के बेटे यह हैं, या'नी ई'एलियाज़र, जिससे ई'अज़रियों का ख़ान्दान चला; और ख़लक़, जिससे ख़लक़ियों का ख़ान्दान चला;
31और असरीएल, जिससे असरिएलियों का ख़ान्दान चला; और सिकम, जिससे सिकमियों का ख़ान्दान चला;
32और समीदा', जिससे समीदा'इयों का ख़ान्दान चला; और हिफ़्र, जिससे हिफ़्रियों का ख़ान्दान चला।
33और हिफ़्र के बेटे सिलाफ़िहाद के यहाँ कोई बेटा नहीं बल्कि बेटियाँ ही हुई, और सिलाफ़िहाद की बेटियों के नाम यह हैं: महलाह, और नू'आह, और हुजलाह, और मिल्काह, और तिरज़ाह।
34यह बनी मनस्सी के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह बावन हज़ार सात सौ थे।
35और इफ़्राईम के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी सुतलह, जिससे सुतलहियों का ख़ान्दान चला; और बकर, जिससे बकरियों का ख़ान्दान चला; और तहन जिससे तहनियों का ख़ान्दान चला।
36और सुतलह का बेटा 'ईरान था, जिससे 'ईरानियों का ख़ान्दान चला।
37यह बनी इफ़्राईम के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह बत्तीस हज़ार पाँच सौ थे। यूसुफ़ के बेटों के ख़ान्दान यही हैं।
38और बिनयमीन के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी बला', जिससे बला'इयों का ख़ान्दान चला; और अशबील, जिससे अशबीलियों का ख़ान्दान चला; और अख़ीराम, जिससे अख़ीरामियों का ख़ान्दान चला;
39और सूफ़ाम, जिससे सूफ़ामियों का ख़ान्दान चला; और हूफ़ाम, जिससे हूफ़ामियों का ख़ान्दान चला।
40बाला' के दो बेटे थे एक अर्द, जिससे अर्दियों का ख़ान्दान चला; दूसरा ना'मान, जिससे ना'मानियों का ख़ानदान चला।
41यह बनी बिनयमीन के घराने हैं। इनमें से जो गिने गए वह पैंतालस हजार छ: सौ थे।
42और दान का बेटा जिससे उसका ख़ान्दान चला सुहाम था, उससे सूहामियों ख़ान्दान चला। दानियों का ख़ान्दान यही था।
43सूहामियों के ख़ान्दान के जो आदमी गिने गए वह चौंसठ हज़ार चार सौ थे।
44और आशर के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी यिमना, जिससे यिमनियों का ख़ान्दान चला; और इसवी, जिससे इसवियों का ख़ान्दान चला; और बरी'अह, जिससे बरी'अहियों का ख़ान्दान चला।
45बनी बरी'आह यह हैं, या'नी हिब्र, जिससे हिब्रियों का ख़ान्दान चला; और मलकीएल, जिससे मलकीएलियों का ख़ान्दान चला।
46और आशर की बेटी का नाम सारा था।
47यह बनी आशर के घराने हैं, और जो इनमें से गिने गए वह तिरपन हज़ार चार सौ थे।
48और नफ़्ताली के बेटे जिनसे उनके ख़ान्दान चले यह हैं, या'नी यहसीएल, जिससे यहसीएलियों का ख़ान्दान चला; और जूनी, जिससे जूनियों का ख़ान्दान चला;
49और यिस्र, जिससे यिस्रियों का ख़ान्दान चला; और सलीम, जिससे सलीमियों का ख़ान्दान चला।
50यह बनी नफ़्ताली के घराने हैं, और जितने इनमें से गिने गए वह पैंतालीस हज़ार चार सौ थे।
51फिर बनी — इस्राईल में से जितने गिने गए वह सब मिला कर छः लाख एक हज़ार सात सौ तीस थे।
52और ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
53“इन ही को, इनके नामों के शुमार के मुवाफ़िक़ वह ज़मीन मीरास के तौर पर बाँट दी जाए।
54जिस क़बीले में ज़्यादा आदमी हों उसे ज़्यादा हिस्सा मिले, और जिसमें कम हों उसे कम हिस्सा मिले। हर क़बीले की मीरास उसके गिने हुए आदमियों के शुमार पर ख़त्म हो।
55लेकिन ज़मीन पर्ची से तक़्सीम की जाए। वह अपने आबाई क़बीलों के नामों के मुताबिक़ मीरास पाएँ।
56और चाहे ज़्यादा आदमियों का क़बीला हो या थोड़ों का, पर्चीसे उनकी मीरास तक़्सीम की जाए।”
57और जो लावियों में से अपने — अपने ख़ान्दान के मुताबिक़ गिने गए वह यह हैं, या'नी जैरसोन से जैरसोनियों का घराना, क़िहात से क़िहातियों का घराना, मिरारी से मिरारियों का घराना।
58और यह भी लावियों के घराने हैं, या'नी लिबनी का घराना, हबरून का घराना, महली का घराना, और मूशी का घराना, और कोरह का घराना। और क क़िहात से अमराम पैदा हुआ।

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