Text copied!
CopyCompare
पवित्र बाइबिल - गिनती - गिनती 22

गिनती 22:17-32

Help us?
Click on verse(s) to share them!
17क्योंकि मैं निश्चय तेरी बड़ी प्रतिष्ठा करूँगा, और जो कुछ तू मुझसे कहे वही मैं करूँगा; इसलिए आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त श्राप दे।'
18बिलाम ने बालाक के कर्मचारियों को उत्तर दिया, “चाहे बालाक अपने घर को सोने चाँदी से भरकर मुझे दे दे, तो भी मैं अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा को पलट नहीं सकता, कि उसे घटाकर व बढ़ाकर मानूँ।
19इसलिए अब तुम लोग आज रात को यहीं टिक रहो, ताकि मैं जान लूँ, कि यहोवा मुझसे और क्या कहता है।”
20और परमेश्‍वर ने रात को बिलाम के पास आकर कहा, “यदि वे पुरुष तुझे बुलाने आए हैं, तो तू उठकर उनके संग जा; परन्तु जो बात मैं तुझसे कहूँ उसी के अनुसार करना।”
21तब बिलाम भोर को उठा, और अपनी गदही पर काठी बाँधकर मोआबी हाकिमों के संग चल पड़ा।
22और उसके जाने के कारण परमेश्‍वर का कोप भड़क उठा, और यहोवा का दूत* उसका विरोध करने के लिये मार्ग रोककर खड़ा हो गया। वह तो अपनी गदही पर सवार होकर जा रहा था, और उसके संग उसके दो सेवक भी थे।
23और उस गदही को यहोवा का दूत हाथ में नंगी तलवार लिये हुए मार्ग में खड़ा दिखाई पड़ा; तब गदही मार्ग छोड़कर खेत में चली गई; तब बिलाम ने गदही को मारा कि वह मार्ग पर फिर आ जाए।
24तब यहोवा का दूत दाख की बारियों के बीच की गली में, जिसके दोनों ओर बारी की दीवार थी, खड़ा हुआ।
25यहोवा के दूत को देखकर गदही दीवार से ऐसी सट गई कि बिलाम का पाँव दीवार से दब गया; तब उसने उसको फिर मारा।
26तब यहोवा का दूत आगे बढ़कर एक सकरे स्थान पर खड़ा हुआ, जहाँ न तो दाहिनी ओर हटने की जगह थी और न बाईं ओर।
27वहाँ यहोवा के दूत को देखकर गदही बिलाम को लिये हुए बैठ गई; फिर तो बिलाम का कोप भड़क उठा, और उसने गदही को लाठी से मारा।
28तब यहोवा ने गदही का मुँह खोल दिया, और वह बिलाम से कहने लगी, “मैंने तेरा क्या किया है कि तूने मुझे तीन बार मारा?” (2 पत. 2:16)
29बिलाम ने गदही से कहा, “यह कि तूने मुझसे नटखटी की। यदि मेरे हाथ में तलवार होती तो मैं तुझे अभी मार डालता।”
30गदही ने बिलाम से कहा, “क्या मैं तेरी वही गदही नहीं, जिस पर तू जन्म से आज तक चढ़ता आया है? क्या मैं तुझसे कभी ऐसा करती थी?” वह बोला, “नहीं।”
31तब यहोवा ने बिलाम की आँखें खोलीं, और उसको यहोवा का दूत हाथ में नंगी तलवार लिये हुए मार्ग में खड़ा दिखाई पड़ा; तब वह झुक गया, और मुँह के बल गिरकर दण्डवत् किया।
32यहोवा के दूत ने उससे कहा, “तूने अपनी गदही को तीन बार क्यों मारा? सुन, तेरा विरोध करने को मैं ही आया हूँ, इसलिए कि तू मेरे सामने दुष्ट चाल चलता है;

Read गिनती 22गिनती 22
Compare गिनती 22:17-32गिनती 22:17-32