31परन्तु तुम्हारे बाल-बच्चे जिनके विषय तुमने कहा है, कि वे लूट में चले जाएँगे, उनको मैं उस देश में पहुँचा दूँगा; और वे उस देश को जान लेंगे जिसको तुमने तुच्छ जाना है।
32परन्तु तुम लोगों की शव इसी जंगल में पड़े रहेंगे।
33और जब तक तुम्हारे शव जंगल में न गल जाएँ तब तक, अर्थात् चालीस वर्ष तक, तुम्हारे बाल-बच्चे जंगल में तुम्हारे व्यभिचार का फल भोगते हुए भटकते रहेंगे। (प्रेरि. 7:36)
34जितने दिन तुम उस देश का भेद लेते रहे, अर्थात् चालीस दिन उनकी गिनती के अनुसार, एक दिन के बदले एक वर्ष, अर्थात् चालीस वर्ष तक तुम अपने अधर्म का दण्ड उठाए रहोगे, तब तुम जान लोगे कि मेरा विरोध क्या है। (प्रेरि. 13:18)
35मैं यहोवा यह कह चुका हूँ, कि इस बुरी मण्डली के लोग जो मेरे विरुद्ध इकट्ठे हुए हैं इसी जंगल में मर मिटेंगें; और निःसन्देह ऐसा ही करूँगा भी।” (इब्रा. 3:16-18)
36तब जिन पुरुषों को मूसा ने उस देश के भेद लेने के लिये भेजा था, और उन्होंने लौटकर उस देश की नामधराई करके सारी मण्डली को कुड़कुड़ाने के लिये उभारा था, (यहू. 1:5)