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पवित्र बाइबिल - गिनती - गिनती 14

गिनती 14:16-20

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16कि यहोवा उन लोगों को उस देश में जिसे उसने उन्हें देने की शपथ खाई थी, पहुँचा न सका, इस कारण उसने उन्हें जंगल में घात कर डाला है। (1 कुरि. 10:5)
17इसलिए अब प्रभु की सामर्थ्य की महिमा तेरे कहने के अनुसार हो,
18कि यहोवा कोप करने में धीरजवन्त और अति करुणामय है, और अधर्म और अपराध का क्षमा करनेवाला है, परन्तु वह दोषी को किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराएगा, और पूर्वजों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों, और पोतों, और परपोतों को देता है।
19अब इन लोगों के अधर्म को अपनी बड़ी करुणा के अनुसार, और जैसे तू मिस्र से लेकर यहाँ तक क्षमा करता रहा है वैसे ही अब भी क्षमा कर दे।”
20यहोवा ने कहा, “तेरी विनती के अनुसार मैं क्षमा करता हूँ;

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